केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। गणतंत्र दिवस समारोह अब हर साल 24 जनवरी के बजाय 23 जनवरी से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती से शुरू होगा। गणतंत्र दिवस समारोह में अब स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती शामिल होगी।
सुभाष चंद्र बोस जो नेताजी के नाम से लोगों में लोकप्रिय है, का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का फोसस हमारे इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं को मनाने याद करने पर केंद्रित रहा है और ये फैसला भी उसी के अंतर्गत लिया गया है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने इससे पहले सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी। 14 अगस्त को विभाजन भयावह स्मरण दिवस के रूप में मनाया जा रहा, 31 अक्टूबर सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस , 15 नवंबर बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। 26 को संविधान दिवस के रूप में और 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस (गुरु गोबिंद सिंह के चार पुत्रों को श्रद्धांजलि) के रूप में मनाया जा रहा है।
केंद्र ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े देश भर में साइटों को बढ़ावा देने की योजना तैयार की है। अक्टूबर 2021 में न्यूज एजेंसी पीटीआई द्वारा दी जानकारी के अनुसार पर्यटन मंत्रालय आजाद हिंद सरकार के गठन की वर्षगांठ मनाने के लिए कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में क्यूरेटेड टूर की योजना बना रहा था, जो कि 21 अक्टूबर, 1943 को बोस द्वारा घोषित अनंतिम सरकार थी। एक अधिकारी के अनुसार ऐसी साइटों की पहचान की गई है और इसमें कई मार्ग शामिल होंगे। उन्होंने बताया था कि हमने क्यूरेटेड यात्रा कार्यक्रम तैयार किए हैं जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े स्थानों को कवर करते हैं। नेताजी से संबंधित साइटों को बढ़ावा देने के लिए यात्रा कार्यक्रम टूर ऑपरेटरों को दिया जाएगा।