January 15, 2025
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Ukrain crisis: टुकड़े टुकड़े होने के बाद यूक्रेन के लोगों का टूटा अमेरिका से भरोसा, पश्चिमी मीडिया पर गुस्सा |

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अमेरिका से टूटा यूक्रेन का दिल!

अमेरिका से टूटा यूक्रेन का दिल!

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को लेकर व्हाइट हाउस की बढ़ती चिंताजनक चेतावनियां कुछ और नहीं, बल्कि एक राजनीतिक खेल है, जिसे जो बाइडेन की डेमोक्रेट्स पार्टी ने आने वाले महीनों में अमेरिका में होने वाले सीनेट चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों को जीतने के लिए डिजाइन किया गया है। यह कैपिटल हिल के राजनीतिक पंडित की राय नहीं है, लेकिन एक यूक्रेनी महिला, जो रूस समर्थित विद्रोही-नियंत्रित डोनेट्स्क क्षेत्र से भाग गई थी, वो अमेरिका और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को लेकर ऐसा सोचती है। डोनेट्स्क श्रेत्र से भागी यूक्रेनी महिला का मानना है कि, यूक्रेन संकट का फायदा अमेरिकी राष्ट्रपति सिर्फ अपनी राजनीतिक प्वाइंट हासिल करने के लिए उठा रहे हैं, ताकि चुनावों में इसका फायदा उठाया जा सके।

''सुपरहीरो की तरफ दिखना चाहते हैं बाइडेन''

”सुपरहीरो की तरफ दिखना चाहते हैं बाइडेन”

ओक्साना अफेंकिना नाम की महिला, जो 2020 में डोनेट्स्क छोड़ने के बाद यूक्रेनी राजधानी कीव में रहती है, उन्होंने अल जज़ीरा को बताया कि, ”सीनेट चुनाव में जो बाइडेन अपनी छवि एक सुपरहीरो की तरफ दिखाना चाहते हैं, जो सुपरमैन की तरफ दिखता है, जिन्होंने तीसरे विश्वयुद्ध को रोकने की कोशिश की है”। हालांकि, अमेरिका के पॉलिटिकल पंडित इस तथ्य से असहमत हो सकते हैं, लेकिन ओक्साना अफेंकिना और उनके जैसे हजारों यूक्रेन के लोगों का भरोसा अमेरिका से टूट चुका है। ओक्साना अफेंकिना और उनके जैसे हजारों यूक्रेन के लोग अभी भी मानते हैं, यूक्रेन पर हमला नहीं होने वाला है। क्रीमिया और पड़ोसी देश बेलारूस में सीमा पर 150,000 से अधिक रूसी सैनिकों के साथ तनाव के बावजूद, पांच में से सिर्फ एक यूक्रेनियन को लगता है कि पूर्ण पैमाने पर युद्ध हो सकता है।

अमेरिका के लिए मोहरा है यूक्रेन?

अमेरिका के लिए मोहरा है यूक्रेन?

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, ओक्साना अफेंकिना और उनके जैसे सैकड़ों यूक्रेन के लोगों का तर्क है कि, अमेरिका के लिए यूक्रेन सिर्फ एक मोहरा है और यूक्रेन के साढ़े चार करोड़ लोग अमेरिका के जियो पॉलिटिक्स में मोहरों की तरफ इस्तेमाल हो रहे हैं और अमेरिका यूक्रेन के करीब साढ़े चार करोड़ लोगों के साथ एकजुटता का की बात बार बार करते हुए अपनी राजनीतिक कार्ड खेल रहा है। यूक्रेन के कई लोगों का मानना है कि, अमेरिकी नेता इस तरह का खेल खेलते हैं, इस तरह का झांसा देते हैं, ताकि वो शेयर बाजार को नियंत्रित कर सकें, अपनी व्यक्तिगत समस्याओं का हल कर सकें।

पश्चिमी देशों को लेकर भी अविश्वास

पश्चिमी देशों को लेकर भी अविश्वास

यूक्रेन विवाद पर नजर रखने वाले बेलारूस के एक राजनीतिक विश्लेषक इहार टिशकेविच ने अल जज़ीरा को बताया कि, यूक्रेन के लोगों का पश्चिमी देशों से भी भरोसा टूट रहा है और उनको लेकर अविश्वास पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि, ”पश्चिमी देश लगातार बोलते आ रहे हैं, सबकुछ खो चुका है, रूस हमला कर चुका है, सबसे विनाशक आक्रमण होगा और इन बयानों को लेकर यूक्रेन को लोगों में पश्चिमी देशों के खिलाफ भी अविश्वास पैदा हो चुका है”। इहार टिशकेविच यूक्रेन की राजधानी कीव में रहते हैं और यूक्रेनियन इंस्टीट्यूट में काम करते हैं। वहीं, साल 2014 में रूस से लड़ने वाले हजारों यूक्रेनी अभी भी सक्रिय हैं और युद्ध की स्थिति में वो फिर से रूसी सैनिकों के खिलाफ लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

यूक्रेनियों को यकीन- नहीं मचेगी तबाही

यूक्रेनियों को यकीन- नहीं मचेगी तबाही

अलजजीरा से बात करते हुए यूक्रेन के दर्जनों लोगों का कहना है कि, यूक्रेन पर खतरा जरूर है, लेकिन तबाही की आशंका की बात नहीं है। यूक्रेन के रहने वाले तिशकेविच का मानना है कि, यूक्रेन के लोग सत्ता हासिल करने के लिए या फिर अपनी अपनी विचारधारा के लिए कितान भी विवाद क्यों ना करें, लेकिन किसी भी विदेशी खतरे के खिलाफ वो एकजुट और लामबंद होते हैं। उनका कहना है कि, व्लादिमीर पुतिन को लेकर यूक्रेन की जनता के मन में गुस्सा है। वहीं, कुछ स्वतंत्र विश्लेषकों का मानना है कि, यूक्रेन को लेकर वाशिंगटन की अशुभ चेतावनियां और यूक्रेन के आसपास भू-राजनीतिक रस्साकशी पश्चिम और रूस के लिए फायदेमंद हैं।
कीव में रहने वाले राजनीतिक विश्लेषक एलेक्सी कुश ने अलजजीरा से बात करते हुए कहा कि, “प्रत्येक पक्ष यूक्रेन की नाजुक स्थिति पर अपना अपना फायदा उठाने की तरफ ही ध्यान दे रहा है”।

यूक्रेन संकट से क्या चाहता है रूस?

यूक्रेन संकट से क्या चाहता है रूस?

राजनीतिक विश्लेषक एलेक्सी कुश का मानना है कि, रूस यूक्रेन संकट को और भी बढ़ा रहा है, ताकि वो पश्चिमी देशों पर और भी ज्यादा प्रेशर बना सके और रूस के लिए ये काफी सस्ता तरीका है, लेकिन इससे यूक्रेन की अर्थव्यवस्था बेमौत मर रही है और रूस पर प्रतिबंधों का भी प्रभाव नहीं पड़ता है। साल 2014 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था और यूक्रेन के क्रीमिया को रूस में मिला लिया था, उसके बाद भी अमेरिका और पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन पश्चिमी प्रतिबंधों ने रूस की अर्थव्यवस्था को पंगु नहीं बनाया, और जब पश्चिम प्रतिबंधों का एक नया दौर तैयार कर रहा है, तो यह वैश्विक वित्तीय लेनदेन प्रणाली SWIFT के जरिए रूस के वित्तीय लेनदेन पर प्रतिबंध लगाएगा, जिससे इसबार रूस पर भारी असर पड़ सकता है।

पश्चिमी देशों से यूक्रेनी नेताओं को चिंता

पश्चिमी देशों से यूक्रेनी नेताओं को चिंता

वहीं, यूक्रेनी नेताओं ने पश्चिमी देशों से आने वाले खतरनाक संदेशों को लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है और जनवरी के अंत में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने पश्चिमी देशों पर “आतंक” बोने का आरोप तक लगा दिया था। 28 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा था कि, ”देशों के सम्मानित नेता बार बार संकेत देते हैं, कि कल युद्ध हो जाएगा, इससे हमारे देश में ‘दहशत’ फैलता है और हमारे देश के खजाने पर गंभीर असर पड़ता है”।

पश्चिमी मीडिया की आलोचना

पश्चिमी मीडिया की आलोचना

इतना ही नहीं, यूक्रेन की संसद पर वर्चस्व रखने वाली प्रमुख राजनीतिक पार्टी ‘सर्वेंट ऑफ द पीपल’ के प्रमुख नेता डेविड अरखामिया ने अमेरिकी मीडिया आउटलेट्स पर व्हाइट हाउस और पेंटागन की चेतावनियों के आधार पर फर्जी रिपोर्ट प्रसारित करने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि, ”जब इस तरह के वातावरण के दो या तीन हफ्ते गुजर जाएं, तो हमें विश्लेषण करना होगा, कि कि तरह से पश्चिमी देशों के प्रमुख मीडिया आउटलेट्स ने रूस नियंत्रित चैनलों की तुलना में बदतर जानकारियों का प्रसार किया”। उन्होंने दावा किया कि, सीएनएन, ब्लूमबर्ग और वॉल स्ट्रीट जर्नल ने “खुले तौर पर फर्जी रिपोर्ट” चलाई हैं।

लोगों में डर भी है मौजूद

लोगों में डर भी है मौजूद

हालांकि, यूक्रेन में ऐसे भी हजारों लोग हैं, जो बुरी तरह से डरे हुए हैं और सुरक्षित जगहों पर भागने के लिए पैकिंग कर रहे हैं। कीव में रहने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैना ग्लुशको ने अल जज़ीरा को बताया कि, मैं दो दिनों तक सो नहीं सका, और अब मैं जाने के लिए पैकिंग कर रहा हूं”। उन्होंने कहा कि, ”वह और उनके सहयोगी सोमवार को दक्षिण-पश्चिमी यूक्रेन के ट्रांसकारपाथिया क्षेत्र में जा रहे हैं, जो कई यूरोपीय संघ के देशों की सीमा के पास स्थिति है।” वहीं, 37 साल की एक यूक्रेनी महिला ने कहा कि, वो फिलहाल एक होटल में हैं और अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में अपने सैनिकों को रोल करने का विकल्प चुनते हैं तो हंगरी में जाने के लिए तैयार हैं। कीव के बॉरिस्पिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर काम करने वाले एक टैक्सी ड्राइवर ने कहा कि उन्होंने भागने के लिए अपना सामान पैक कर रखा है।

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