लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा जारी है। इस पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपने विचार रखे। इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि मुंबई में एक बहुत अमीर आदमी है। उसने एक अनाथालय की जमीन 22 करोड़ में खरीदी।
वह कोर्ट चला गया। सच्चर कमेटी ने 2007 में कहा कि दिल्ली में 123 संपत्तियों का बाजार मूल्य 6 हजार करोड़ है। 1996 में इंदिरा गांधी ने पत्र लिखा कि आप उन्हें दे दीजिए, लेकिन आप लेने को तैयार नहीं हैं। ओवैसी ने कहा कि 2013 में आप लोगों ने मिलकर बिना किसी विरोध के वक्फ कानून पास किया
। देश में 14-15 ट्रिब्यूनल हैं। सभी की समीक्षा होती है। आपने दाऊदी बोरा का शुक्रिया भी अदा किया। सरकार जो कर रही है वो ये है कि आप मुस्लिम समाज के बेकार लोगों को रास्ता दिखा रहे हैं कि वक्फ से बचना है तो ट्रस्ट बनाओ।
ओवैसी ने फाड़ा बिल
उन्होंने आगे कहा कि इस बिल में वक्फ अल औलाद का नियम अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है। जब मैं अपनी संपत्ति अल्लाह को उसका मालिक बनाकर दे रहा हूं, तो आपको उससे दिक्कत है। अमित शाह ने कहा कि इतनी संपत्ति चोरी से कब्जा कर ली गई। अगर कोई संपत्ति बेचता है तो उसे 2 साल की सजा दी जाती है, आपने उसे 6 महीने कर दिया।
वह अपराध गैर जमानती था, आपने उसे जमानती कर दिया। वक्फ बाय यूजर कानून तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में है। इस बिल का उद्देश्य केवल मुसलमानों को अपमानित और बेइज्जत करना और उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक बनाना है। महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका का कानून फाड़ा था, इसलिए मैं भी फाड़ दूंगा।