November 8, 2024
छत्तीसगढ़

ठेका कर्मचारियों को चपरासी बनवाने का दिया झांसा, दो साल बाद ट्रांसफर हुआ तो मोबाइल किया बंद

WhatsApp Group Join Now

बिलासपुर में रेलवे के दो ठेका कर्मचारियों को नियमित नौकरी लगाने के नाम पर आठ लाख रुपए की ठगी करने वाले रेलवे के चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। रेलवे कर्मी रकम वसूली कर दोनों युवकों को दो साल से घूमा रहा था। इससे पहले भी उसने कैंटीन दिलाने के नाम पर रुपए वसूली किया था और तब भी केस दर्ज किया था। ताजा मामला तोरवा थाने का है।

रेलवे में नौकरी लगने की आस में ठगी के शिकार हो गए दोनों युवक

रेलवे में नौकरी लगने की आस में ठगी के शिकार हो गए दोनों युवक

जानकारी के अनुसार भरत यादव पिता परस यादव (26) हेमूनगर में रहता है। वह रेलवे ठेकेदार सतीश सिंह के साथ 2016 से सफाई का काम कर रहा है। रेलवे के कंस्ट्रक्शन कॉलोनी में क्वार्टर की सफाई करने जाते समय उसकी पहचान आशीष पात्रो से हुई थी, जो रेलवे में चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर था। उस समय वह डीआरएम और जीएम ऑफिस में काम करता था। भरत यादव के मोहल्ले का दोस्त भी प्रकाश यादव भी उसके साथ काम करता है। दोनों को आशीष पात्रो ने रेलवे में चतुर्थ श्रेणी चपरासी के पद पर नौकरी लगाने की बात कही और पांच-पांच लाख रुपए की मांग की।

घरवालों को बताया रेलवे में नौकरी मिलेगी
आशीष की बातों को सुनकर भरत और प्रकाश ने अपने घरवालों को इसकी जानकारी दी। रेलवे में रेगुलर नौकरी मिलने की उम्मीद में उसके घरवाले भी रुपए देने के लिए तैयार हो गए। भरत ने किस्तों में आशीष को चार लाख 50 हजार रुपए दिया। वहीं, प्रकाश और उसके परिजन ने भी किसी तरह तीन लाख 40 हजार जुटाकर आशीष को दिया। शेष रकम उन्होंने नौकरी मिलने के बाद देने की बात कही थी। लेकिन, न तो उन्हें नौकरी मिली और न ही आशीष ने रकम वापस किया।

रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने का मामला तोरवा थाने का है

रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने का मामला तोरवा थाने का है

बहन ने तोड़े एफडी, मां ने कर्ज लिया
भरत ने पुलिस को बताया कि रेलवे की नौकरी मिलने की उम्मीद में उसकी बड़ी बहन ने साल 2019 में अपने बैंक एकाउंट में जमा एफडी तोड़वाकर आशीष पात्रो को एक लाख रुपए दिए। इसी तरह उसकी मां ने जनवरी 2020 में कर्ज लेकर रुपए दिए थे। लेकिन, उन्हें क्या पता था कि आशीष पात्रो रुपए लेकर गायब हो जाएगा।

बिलासपुर से ट्रांसफर हो गया बृजराजनगर
शिकायतकर्ता भरत और प्रकाश ने पुलिस को बताया कि आशीष पात्रो को करीब आठ लाख रुपए देने के बाद वह ओडिशा के बृजराजनगर चला गया। उसने बोला कि उसका ट्रांसफर हो गया है। तब वह नौकरी नहीं लगने पर रुपए वापस करने का भरोसा दिलाता रहा। मोबाइल में बातचीत करता और मैसेज भी करता था। फिर बाद में उससे संपर्क ही नहीं हुआ। तब से दोनों युवक भटक रहे हैं।

सिविल लाइन थाने में भी दर्ज है केस
TI सुरेंद्र स्वर्णकार रेलवे के चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर आशीष पात्रो को सिविल लाइन पुलिस ने साल 2018 में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। तब उसने टिकरापारा के रहने वाले बलजीत सिंह चावला को रेलवे में कैंटीन दिलाने के नाम पर 15 लाख रुपए ले लिया था। बलजीत सिंह की अग्रसेन चौक में हॉलिडे पैकेज के नाम पर ऑफिस है। वहीं, आशीष पात्रो ने उससे रुपए ले लिए थे। रेलवे कैंटीन नहीं मिलने पर बलजीत ने रुपए वापस करने कहा, तब आशीष उसे घुमाने लगा। इस पर उसके खिलाफ थाने में शिकायत कर दी।

Source link

Related posts

परिवार संग वोट देने जाएं, मिलकर ग्रुप फोटो या सेल्फी लेकर पुरस्कार पाएं

ahamawaznews

सारंगढ़ बिलाईगढ़ : रायपुर में 25 मई को होगी भृत्य पद की ईमला परीक्षा

ahamawaznews

महाराष्ट्र-झारखण्ड चुनाव में लगी छत्तीसगढ़ के 21 IAS अधिकारियों की ड्यूटी

ahamawaznews

Leave a Comment