बिलासपुर। बिलासपुर पुलिस ने स्कूलों में मनचाही पोस्टिंग के लिए सौदा करने वाले शिक्षक नन्द कुमार साहू को आज तड़के गिरफ्तार कर लिया है। सीएम के निर्देश के बाद बिलासपुर पुलिस ने यह एक्शन लिया है. फ़िलहाल पुलिस इस मामले में आरोपी से पूछताछ कर और जानकारी जुटा रही है. सम्भावना है कि मामले में कई और खुलासे हो सकते हैं.
दरअसल, कुछ दिनों पूर्व शिक्षक नन्द कुमार का एक ऑडियो वायरल हुआ था। जिमसें उसने दूसरे किसी शिक्षक से मनचाही रकम दिलाने के नाम पर 90 हजार की मांग की थी। वायरल ऑडियो के बाद पुलिस ने इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत FIR दर्ज किया था, जिसके बाद आज सुबह तड़के शिक्षक को सिविल लाईन पुलिस ने गिरफ्तार किया।
बता दें कि स्कूलों में मनचाही पोस्टिंग का ऑडियो सामने आने के बाद हड़कम्प मच गया था और आईजी रतन लाल डाँगी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए एसएसपी पारुल माथुर को इसकी जांच करवा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये थे। आईजी से मिले निर्देशो के आधार पर एसएसपी पारुल माथुर ने एडीशनल एसपी गरिमा द्विवेदी को जांच अधिकारी नियुक्त किया था।
जांच अधिकारी की टीम जांच के लिये सँयुक्त संचालक शिक्षा के दफ्तर पहुँची थी और डिटेल जुटाने के बाद सँयुक्त संचालक शिक्षा आरएस चौहान का बयान भी दर्ज किया था। इसके बाद ऑडियो में रकम मांगने वाले शिक्षक नँद कुमार साहू का भी एडिशनल एसपी के दफ्तर में बयान हुआ था।
नँद कुमार साहू ने अपने बयान में बताया था कि उसका मोबाईल उसकी पत्नी चलाती थी। घूमने जाने के दौरान मोबाईल कही गुम हो गया है जिसकी शिकायत उसने पुलिस में दर्ज नही करवाई थी। मोबाईल गुमने से एक दिन पहले उसने सिम निकाल लिया था। इसके साथ ही उसने शिक्षा विभाग के किसी अफसर से सम्बंध होने से मना करते हुए ऑडियो में अपनी आवाज होने से मुकर गया था।
बयान के बाद पुलिस को मामले में प्रार्थी की तलाश थी पर शिक्षक नँद कुमार साहू ने किस शिक्षक से रकम की मांग की थी यह ऑडियो में स्प्ष्ट नही था और न ही पीडित शिक्षक सामने आ रहा था। इस वजह से पुलिस को एफआईआर दर्ज करने में तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने भी घटना को गम्भीरता से लेते हुए शिक्षको की पोस्टिंग में पारदर्शिता बरतने व डीपीआई से अनुमोदन के बाद ही चयनित नए शिक्षको की पोस्टिंग करने के निर्देश जारी किए थे।
जानकारी के अनुसार कल शाम लगभग 7 बजे प्रार्थी के सामने आने के बाद थाना सिविल लाईन में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। प्रार्थी ने एफआईआर में देरी का कारण परिवार से सलाह लेकर करना बताया है। कल शाम हुए एफआईआर के बाद आज तड़के सुबह दबिश देकर पुलिस ने शिक्षक नँद कुमार साहू को गिरफ्तार भी कर लिया है, जिससे पूछताछ की जा रही है उसके बाद पुलिस मामले का खुलासा कर सकती हैं।
जांजगीर चाम्पा के सक्ति थाना क्षेत्र के ग्राम सोठी साहू कालोनी टेमर फाटक के पास साहू कालोनी में रहने वाले 33 वर्षीय शिक्षक भूपेंद्र साहू ने शिकायत दर्ज करते हुए बताया है कि वह जांजगीर जिले के ही जैजैपुर रिवाडीह शासकीय स्कूल में व्याख्याता है। उनकी पत्नी ललिता साहू ने 2019 में व्यापम के द्वारा शिक्षा विभाग में होने वाली भर्ती परीक्षा के लिये फार्म भरा था। फार्म में उन्होंने खुद ही अपना नम्बर दिया था। 20 जनवरी को चयनित सूची में नाम आने के तीन दिन बाद उनके उक्त नम्बर पर ही नँद कुमार साहू नाम के व्यक्ति का फोन आया।
नँद कुमार साहू ने खुद को बीईओ कार्यालय तिलक नगर में कार्यरत बताया। इसके साथ ही पूछा कि ललिता साहू कौन है। जब भूपेंद्र साहू ने बताया कि ललिता उसकी पत्नी है तब नँद कुमार साहू ने उनकी पत्नी को मनचाही पोस्टिंग दिलवाने की बात कही। पर उसकी बातों को गम्भीरता से न लेते हुए भूपेंद्र साहू ने टाल दिया। जिसके एक दिन बाद फिर से नँद कुमार साहू का फोन आया और 85 हजार में मनचाही जगह में पोस्टिंग दिलवाने की बात कही।
उसके बाद मना करने पर भी बार बार फोन कर के पैसे के लिये दबाव बनाने लगा व पोस्टिंग लटक जाने की धमकी देने लगा। धमकी की डर से न चाहते हुए भी नँद कुमार साहू के घर पर भूपेंद्र साहू ने 23 जनवरी को 52 हजार रुपये नगद उसके घर बंधवापारा में जा कर दिया। उसके बाद अपनी पत्नी के स्टेट बैंक के खाते से भी 33 हजार रुपये इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान किया।
भूपेंद्र साहू ने अनुचित तरीके से रिश्वत के रूप में 85 हजार रुपये लेने पर शिकायत करते हुए सिविल लाईन थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। पुलिस ने तड़के दबिश दे कर शिक्षक नँद कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया है। शिक्षक नँद कुमार साहू खुद दो महीने पहले ही व्यापम की परीक्षा से चयनित होकर शिक्षक बना है। उसकी पोस्टिंग बहतराई स्कूल में है पर वह वर्तमान में बीईओ कार्यालय बिल्हा में पदस्थ है।