गोलबाजार के दुकानदारों को मालिकाना हक देने के साथ ही वहां पर सुविधाएं मुहैया कराए जाने के एवज में वसूला जाने वाला विकास शुल्क राज्य सरकार माफ करने जा रही है। शासन को भेजे गए प्रस्ताव पर लगभग फैसला कर लिया गया है।
जल्द ही इस संबंध में आदेश भी जारी होगा दैनिक भास्कर ने विकास शुल्क सहित व्यापारियों को मालिकाना हक देने की प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों को लगातार प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद व्यापारियों ने अलग संगठन बनाकर अपनी मांगें निगम के सामने रखीं। नगर निगम ने भी उनकी मांगों पर गौर करते हुए शासन को एक प्रस्ताव बनाकर दिया। इसमें विकास शुल्क को माफ करने की मांग प्रमुखता से रखी गई थी। पुख्ता जानकारी है कि यदि अन्य चीजें सामान्य रहीं, तो विकास शुल्क को माफ कर दिया जाएगा।
यह कारोबारियों के लिए बड़ी राहत होगी। निर्मित क्षेत्रफल पर लिया जा रहा था। कलेक्टर ने मालिकाना हक की योजना को पूरा करने के लिए एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी ने ही शासन की गाइडलाइन के अनुसार मालिकाना हक की कीमत, विकास शुल्क की दर सहित अन्य चीजों को निर्धारित किया था।
इसके बाद व्यापारियों को नोटिस दिया गया था। विकास शुल्क को लेकर यह तय किया गया था कि प्रति वर्गफीट निर्मित क्षेत्रफल पर हजार रुपए प्रति वर्गफीट की दर से विकास शुल्क लिया जाएगा। यानी किसी कारोबारी ने दो-तीन मंजिला निर्माण किया है तो कुल निर्मित क्षेत्रफल पर विकास शुल्क अधिकतम 18 लाख तक पहुंच रहा था।
100 वर्गफीट की दुकान वाले छोटे कारोबारियों को भी एक लाख रुपए विकास शुल्क लिया जा रहा था। अब उन्हें यह नहीं देना पड़ेगा।