राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच कोयला ब्लॉक को लेकर चल रही खींचतान जल्द ही खत्म हो सकती है. गहलोत के कुछ समय पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से हस्तक्षेप की मांग के बाद अब अगले कुछ दिनों में राहुल गांधी दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर मामले को सुलझाने का प्रयास करेंगे I
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को राहुल गांधी ने इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए दिल्ली में अशोक गहलोत और भूपेश बघेल से इस मुद्दे पर चर्चा की है. बता दें कि सीएम गहलोत और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच बिजली परियोजनाओं को आवंटित ब्लॉकों से कोयला उत्पादनके लिए मंजूरी में तेजी लाने के लिए चल रही खींचतान सोनिया गांधी तक पहुंच गई थी जिसके बाद अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी को एक पत्र भी लिखा था.
गहलोत ने दिसंबर में लिखे पत्र में सोनिया गांधी को कहा था कि छत्तीसगढ़ सरकार से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजस्थान सरकार को आवंटित कोयला ब्लॉकों में खनन के लिए मंजूरी नहीं दी. सीएम गहलोत ने यह भी कहा था कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगातार पत्र लिखने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
राजस्थान में पैदा हो सकता है बिजली संकट
बता दें कि पिछले कई महीनों से राजस्थान कोयले की आपूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को घेर रहा है जिसमें गहलोत परसा कोयला ब्लॉक के आवंटन की मांग कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ सरकार क्षेत्र के आदिवासियों के मुद्दे पर चिंता जाहिर कर रही है. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा दोनों ही छत्तीसगढ़ की चिंताओं से परिचित है जिसके बाद पार्टी स्तर पर आने वाले कुछ दिनों में दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच इस समस्या पर समाधान निकाला जा सकता है.
राजस्थान सरकार का काफी समय से कहना है कि गर्मी के मौसम से पहले राजस्थान में बिजली संयंत्रों के लिए कोयला खनन के लिए मंजूरी में तेजी दी जाए जिससे राज्य में बिजली संकट पैदा होने जैसी स्थिति पैदा नहीं हो सके.
राजस्थान में सबसे महंगी बिजली
गहलोत ने अपने पत्र में महंगी बिजली होने के पीछे कोयले की कमी का हवाला देते हुए कहा था कि राजस्थान सरकार को बिजली की कीमत 33 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है जिससे बाद यह देश के सबसे महंगे बिजली विक्रेता में से एक बन गया है.
वहीं छत्तीसगढ़ के कोयला ब्लॉक के आवंटन की मंजूरी के पीछे स्थानीय लोगों का विरोध भी शामिल है. बता दें कि इस संबंध में केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार दोनों से क्लीयरेंस मिलने के बाद यहां खनन शुरू हो सकेगा.
इसके अलावा गहलोत ने कहा था कि छत्तीसगढ़ कोयला ब्लॉक से कोयला अनुपलब्धा की स्थिति में राजस्थान को बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा जिससे आने वाले चुनाव में पार्टी की छवि को नुकसान हो सकता है. इसके अलावा रविवार को मीटिंग में राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को राजस्थान की तर्ज पर लागू करने को लेकर चर्चा भी की जिसमें छत्तीसगढ़ ने अपनी खराब वित्तीय हालात को लेकर चिंता जाहिर की.