January 21, 2025
छत्तीसगढ़

रायपुर, कवर्धा, जशपुर में छापे; 10 करोड़ कैश, सोने-चांदी के गहने और दस्तावेज बरामद

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रायपुर, जशपुर और कवर्धा के कारोबारियों के 15 से ज्यादा ठिकानों पर इनकम टैक्स का छापा पड़ा है। दो दिन पहले शुरू हुई जांच अब भी जारी है। आयकर विभाग के करीब 100 अधिकारी 2 दिन पहले इन व्यापारियों के घरों और दफ्तरों में पहुंचे थे। आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो शुक्रवार और शनिवार तक भी इन कारोबारियों के अड्डों पर जांच चल सकती है।

कवर्धा के इस मकान में जांच जारी।

कवर्धा के इस मकान में जांच जारी।

अब तक सामने आए तथ्यों के मुताबिक इन कारोबारियों के ठिकानों से 10 करोड़ से अधिक कैश, जेवरात और कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनमें आयकर विभाग को कर चोरी के सबूत नजर आए हैं। यह छापा कवर्धा के कारोबारी कन्हैया अग्रवाल, जशपुर के विनोद जैन, रायपुर के होटल कारोबारी एनसी नाहर और ठेकेदार आशीष अग्रवाल के ठिकानों पर पड़ा है। कन्हैया और विनोद के रायपुर में भी मकान और दफ्तर हैं। इन सभी जगहों पर जांच की जा रही है।

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बड़ी कर चोरी का हो सकता है खुलासा
इन सभी कारोबारियों के घरों और दफ्तरों से आयकर विभाग को कुछ न कुछ मिला है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है क्योंकि जांच जारी है। कारोबारियों के पास से मिलने वाले कैश और दूसरी चीजों की तादाद बढ़ भी सकती है।

लॉकर सीज किए गए
कन्हैया अग्रवाल के कवर्धा में बैंक लॉकर सीज कर दिए गए हैं। जशपुर के कारोबारी विनोद जैन का रायपुर में भी एक मकान है। यहां से कंप्यूटर हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव जैसी चीजें मिली हैं। आयकर विभाग की टीम इन के तमाम कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है। रायपुर, कवर्धा और जशपुर के कारोबारियों के रिश्तेदारों के पास से कई जेवरात भी मिले हैं, जिन्हें बाजार मूल्य के आधार पर जांचा जाएगा। इन जेवरों से जुड़े बिल कारोबारी पेश नहीं कर पाए हैं। कई ऐसे बिल भी मिले हैं, जो टैक्स में हेरा-फेरी करने के लिए फर्जी तरीके से बनाए गए।

रायपुर के शंकर नगर स्थित अपार्टमेंट में आयकर की टीम।

रायपुर के शंकर नगर स्थित अपार्टमेंट में आयकर की टीम।

2 दिन पहले दर्जनों इनोवा कारें धड़ाधड़ पहुंचीं
दर्जनों सफेद और सिल्वर रंग की इनोवा गाड़ियों में आयकर विभाग के 100 से अधिक अफसर सुबह 6 बजे के आसपास कवर्धा, रायपुर और जशपुर में एक साथ पहुंचे। अफसरों को विवाद का अंदेशा था, इसलिए इनके साथ आर्म फोर्स की टीम भी थी। छापे में शामिल बहुत से कर्मचारियों को ये तक नहीं बताया गया था कि जाना कहां है, बीच रास्ते में ही पते बताए गए और सभी अफसर अलग-अलग टीमों में बंटकर जांच के लिए पहुंचे। कारोबारियों के घरों में अफरा-तफरी का माहौल रहा। बीते दो दिनों से ये कारोबारी और उनका परिवार घरों में कैद है किसी को बाहर आने-जाने की इजाजत नहीं है।

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