अमर जवान ज्योति के विलय पर सियासी लौ भड़क चुकी है. सीएम भूपेश बघेल ने मामले में ट्वीट कर केंद्र पर तंज कसा है. सीएम ने सावरकर का बिना नाम लिए इशारों में कहा कि शहीद जवानों के बलिदान की निशानी मिटाने से, “माफीनामे” शौर्य चक्र में नहीं बदलेंगे I
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा. कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं… हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे I
ट्विटर हैंडलर ‘कांग्रेस’ से ट्वीट किया गया है कि अमर जवान ज्योति को बुझाना, उन वीरों के साहस और बलिदान का अपमान है, जिन्होंने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे.वीरता के इतिहास को मिटाने की भाजपाई साजिश को कोई देशभक्त बर्दाश्त नहीं करेगा.शहीदों के अपमान का मोदी सरकार का ये रवैया बहुत घृणित है I
बता दें कि आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अमर जवान ज्योति की लौ को एक साथ विलय कर दिया गया. अमर जवान ज्योति की लौ को एक साथ मिलाने के लिए खास मशाल का इस्तेमाल किया गया. इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति की लौ को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में ज्योति के साथ मिलाने के लिए करीब आधे घंटे की खास रस्म निभाई गई. इस सैन्य समारोह की अध्यक्षता एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण ने की. आज के बाद से अब इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर ये लौ नहीं दिखाई देगी I
इस को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) पीजेएस पन्नू ने कहा कि यह सरकार द्वारा लिया गया एक बहुत अच्छा निर्णय है, स्थानांतरण का सवाल नहीं है, सम्मान वहीं है जहां सैनिकों के नाम लिखे जाते हैं. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ही एकमात्र स्थान है जहां सैनिकों को सम्मानित किया जाना चाहिए I