फ़लस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने गुरूवार को यूएन महासभा की उच्चस्तरीय जनरल डिबेट में विश्व नेताओं से मुख़ातिब होते हुए, ज़ोर दिया है कि फ़लस्तीन के लोग अपनी मातृभूमि को नहीं छोड़ेंग – जो कि उनके पूर्वजों की धरती है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित किया. अपने संबोधन की शुरुआत में महमूद अब्बास ने तीन बार घोषणा की “हम नहीं छोड़ेंगे.’’
फ़लस्तीन हमारा, हमारे पूर्वजों का देश है. फलस्तीन हमारा ही रहेगा. इस ज़मीन पर जिन्होंने कब्ज़ा किया है, यहां से वो ही जाएंगे.
बीते एक साल से हमारे लोग इस सदी के सबसे जघन्य अपराधों को झेल रहे हैं. इसराइल जो नरसंहार कर रहा है, उसमें अकेले गज़ा में 40 हज़ार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.”
महमूद अब्बास ने ध्यान दिलाया कि पूरे के पूरे फ़लस्तीनी परिवारों को मिटा दिया गया है, उनके पारिवारिक नाम पूरी तरह लुप्त कर दिए गए हैं.
उन्होंने ज़ोर देकर ये भी कहा कि इस क़त्लेआम के बीच बीमारियाँ भी बढ़ रही हैं, स्वच्छ जल और ज़रूरी दवाओं की भारी कमी है, और 20 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से बहुत से लोगों को तो सुरक्षा की तलाश में, कई बार विस्थापित होना पड़ा है.
इसराइल को अब इस युद्ध को खत्म करना चाहिए.