वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया। इसमें गृह मंत्रालय (MHA) को भी बड़ी राशि आवंटित की गई है।
इस बार गृह मंत्रालय ने 8 केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे ज्यादा राशि 35,581.44 करोड़ रुपये जम्मू-कश्मीर के लिए आवंटित की है। अधिकारियों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में जम्मू-कश्मीर को 30575 करोड़ रुपये मिला था। इस बार इसमें 15.69 प्रतिशत (4824.44 करोड़) का इजाफा किया गया।
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री विकास परियोजनाओं के लिए 273 करोड़, रैटल हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्लांट के लिए 476.44 करोड़, 624 मेगावाट किउर हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्लांट के लिए 130 करोड़ और पूंजीगत व्यय के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं।
जम्मू और कश्मीर के लिए निर्धारित राशि सभी केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एमएचए को आवंटित कुल 60,784.23 करोड़ रुपये के आधे से अधिक है। केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कुल बजट आवंटन में विधायिका के बिना वाले प्रदेशों में 22,305.10 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जाती है। वहीं अगर किसी केंद्र शासित प्रदेश में विधायिका है, तो उसे 38,479.23 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं।
आपको बता दें कि विधायिका (विधानसभा) के बिना केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादरा-नगर हवेली, दमन-दीव, लद्दाख और लक्षद्वीप हैं जबकि विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली, जम्मू और कश्मीर और पुडुचेरी हैं।
मंत्रालय के मुताबिक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को 5,763.65 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वहां पर पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 6.98 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके बाद चंडीगढ़ को बजट अनुमान 22-23 में कुल आवंटन 5,382.79 करोड़ रुपये है। वहां पर पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 3.79 प्रतिशत की वृद्धि है। वहीं जम्मू-कश्मीर से अलग हुए लद्दाख के लिए 5958 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है।