भिलाई नगर निगम के लिए नए लोगो और मोनो की डिजाइन तैयार करवाई जा रही है। इसके लिए महापौर नीरज पाल ने लोगों से डिजाइन बनाकर देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि 28 फरवरी तक जो भी लोगों द्वारा डिजाइन भेजी जाएगी उसे वह स्वीकार करेंगे। इसके बाद सभी डिजाइनों को चयन कमेटी के समक्ष रखा जाएगा। यहां एक डिजाइन को फाइनल करके 10 मार्च को नया लोगो जारी कर दिया जाएगा। जिस भी व्यक्ति की डिजाइन को पसंद किया जाएगा, उसे निगम द्वारा 51 हजार रुपए की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा।
नगर निगम भिलाई के नए “लोगो”,”मोनो” के लिए प्रक्रिया तेज हो गई है। महापौर नीरज पाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर इसकी रूपरेखा से अवगत कराया। उन्होंने मीडिया एवं शहर के नागरिकों से “लोगो”, “मोनो के लिए सुझाव देने की अपील की। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति भिलाई निगम का लोगो बनाना चाहता है वह 28 फरवरी तक निगम के जनसंपर्क विभाग की मेल आईडी pronagarnigam096@gmail.com पर तथा जनसंपर्क विभाग में डाक व तार के माध्यम से भेज सकता है। “लोगों”, “मोनो” का चयन ज्यूरी मेंबर 10 मार्च को करेगी और अपना अंतिम निर्णय देगी। इसके बाद आगे की विभागीय प्रक्रिया अपनाकर नए “लोगों”, “मोनो” का सृजन किया जाएगा।
23 साल बाद मिलेगा नए लोगो और मोनो
सन 1978 से अस्तित्व में आए विशेष क्षेत्र प्राधिकरण (साडा) के समय से प्रचलित “लोगों” का उपयोग ही भिलाई नगर निगम करता आ रहा है। वर्ष 1998 में नगर निगम भिलाई का गठन तो हुआ, लेकिन इसका लोगो बदलने के लिए किसी ने भी पहल नहीं की। नीरज पाल ने कहा कि नए लोगों से उनका मकसद है कि एक ऐसा लोगो बनाया जाए, जिससे लोग यह आसानी से समझ जाएं कि यह “लोगों”,”मोनो” भिलाई निगम का है। इसके लिए महापौर ने एक कमेटी बनाई है। इसमें महापौर परिषद के सदस्य चंद्रशेखर गवई, आदित्य सिंह तथा रीता सिंह गेरा आदि शामिल हैं।
“लोगों” को बनाते समय इन शर्तों का रखें ध्यान
“लोगों”https://www.bhaskar.com/”मोनो” का थीम- शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, संस्कृति, धरोहर, परम्परा इत्यादि एवं भिलाई की पहचान को परिलक्षित करने वाला हो, जिसे देखते ही समझ आ जाये कि यह भिलाई निगम का “लोगों”https://www.bhaskar.com/”मोनो” है। लोगो बनाते समय यह ध्यान रखा जाए कि उसमें किसी व्यक्ति विशेष, समाज, धर्म, जाति या अपमान जनक आइकॉन, चिन्ह, स्लोगन, शब्द इत्यादि का समावेश न हो। साथ ही इसका साइज 4 इंच बाई 4 इंच का होना चाहिए।