February 10, 2025
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डीजल-पेट्रोल की कीमत को संभालने में हो गई थी नाकाम, इस देश में गिर गई सरकार

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गिर गई देश की सरकार

कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट तोकायव ने कहा है कि, उन्होंने देश की सरकार का इस्तीफास्वीकार कर लिया है। देश के राष्ट्रपति की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि, ‘कजाकिस्तानरिपब्लिक के आर्टिकिल-70 के तहत मैं कजाकिस्तान रिपब्लिक की सरकार का इस्तीफा स्वीकारकरता हूं’। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने देश में नई सरकार के गठन होने तक मौजूदा स्थिति को कायमरखने की घोषणा की है।

देश में हो रहा था प्रदर्शन

पूर्व सोवियत गणराज्य का हिस्सा रहे कजाकिस्तान के सबसे बड़े शहर अल्माटी में हिंसक प्रदर्शनशुरू हो गया था और सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने मंगलवार की देर रात आंसूगैस के गोले दागे थे और हथगोलों का इस्तेमाल किया था। वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस औरप्रदर्शनकारियों के बीच कई घंटे तक हिंसक झड़प होती रही और फिर देश में आपातकाल की घोषणाकर दी गई थी। भीषण विरोध के बीच पूर्व सोवियत गणराज्य की छवि को एक राजनीतिक रूप सेस्थिर मगर ‘तानाशाह’ राज्य के तौर पर बनाकर रख दी थी।

‘हिंसा के पीछे विदेशी शक्ति का हाथ’

कजाकिस्तान में सरकार की छवि काफी सख्त बन गई थी, जिसने देश की संसाधान का पिछले तीनदशक से इस्तेमाल सैकड़ों अरब डॉलर के विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए किया है। वहीं,प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रपति तोकायव ने बुधवार तड़के अल्माटी और तेल उत्पादक पश्चिमीमंगिस्टाऊ प्रांत में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी थी और आरोप लगाया था कि, हिंसा के पीछेघरेलू और विदेशी तत्व शामिल हैं। देश में आपातकाल की स्थिति में हथियारों, गोला-बारूद और शराबकी बिक्री पर रोक लगा दी गई थी और कई क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगा दियागया था।

दोगुने हुए थे तेल के दाम

दोगुने हुए थे तेल के दाम

कजाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन उस वक्त शुरू हुआ था, जब देश में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत मेंभारी इजाफा हो गया था और पेट्रोल, डीजल और पेट्रोलियम गैस की कीमत से प्राइस कैप हटा दियागया था। जिसके बाद देश में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत देखते ही देखते दोगुना से ज्यादा बढ़ गयाथा, जिसने जनता के गुस्से को भड़का दिया। बुधवार को कार्यवाहक कैबिनेट सदस्यों से बात करते हुए,राष्ट्रपति टोकायव ने उन्हें और प्रांतीय गवर्नरों को एलपीजी मूल्य नियंत्रण बहाल करने और उन्हेंगैसोलीन, डीजल और अन्य “सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण” उपभोक्ता वस्तुओं तक विस्तारित करनेका आदेश दिया था।

प्रदर्शन के विरोध में सरकार का इस्तीफा

देश के राष्ट्रपति ने विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार को एक पर्सनल दिवालियापन कानून विकसितकरने और घरेलू उपयोग में आने वाली सामानों की कीमत को स्थिर रखने के लिए और गरीब परिवारोंके किराए के भुगतान पर सब्सिडी देने का आदेश दिया था, लेकिन देश में विरोध प्रदर्शन के बीच हीसरकार ने इस्तीफा दे दिया। वहीं, राष्ट्रपति ने कहा है कि, आपातकाल की घोषणा के बाद से विरोधप्रभावित शहरों और कस्बों में स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन कर्फ्यू और आवाजाही पर प्रतिबंधअभी भी लगा हुआ है।

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