राजनांदगांव: जीई रोड में योगाश्रम के सामने अवैध कालोनाईजरों द्वारा टुकड़ों में प्लाट बेचे जाने के मामले में लगातार कई खुलासे सामने आ रहे हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने मोटी रकम लेकर अवैध कालोनाईजरों को नियम विरूद्ध अनुमति भी दे दी है। मामले की यदि जांच कराई जाए तो निगम के कुछ अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ कालोनाईजरों ने निगम के अफसरों से मिलीभगत कर पांच बड़ी रजिसि्ट्रयां परिजनों के नाम कर छोटे-छोटे प्लाट मार्केट बनाने के लिए बेच दिए हैं।
अब जब मामले का खुलासा हो गया है, तब निगम में नंबर 2 का काम करने वाले कुछ अफसरों की शरण लेकर लीपापोती की कोशिश शुरू कर दी है। मार्केट बनाने वाले अवैध कालोनाईजर नंदई चौक सहित हाईवे में ही और आगे मिलाकर पूरे शहर में अवैध रूप से करते नजर आ रहे हैं। नगर निगम के आयुक्त ने कड़ाई के साथ जब जांच शुरू की है, तब मामले का पूरा सच सामने आएगा।
शुरू होगी जांच
इधर निगम कमिश्नर आशुतोष चतुर्वेदी ने साफ कर दिया है कि मामले की जांच की जाएगी। जांच शुरू होते ही हाईवे के मार्केट के साथ-साथ नंदई की बड़ी कालोनी और वे सभी 50 प्रोजेक्ट जो अवैध रूप से चल रहे हैं, जांच के दायरे में आएंगे। फिलहाल मामले की लीपापोती के लिए अवैध कालोनाईजर हाथ-पांव मारते नजर आ रहे हैं।
लिखित में शिकायत
जैसे ही अवैध मार्केट का मामला सामने आया, उसके तुरंत बाद निगम के अफसरों से मिलीभगत कर जिन्होंने अवैध मार्केट के लिए भवन अनुज्ञा दी, फिर से लीपापोती की कोशिश शुरू कर दी गई है, लेकिन अवैध कालोनी और मार्केट बनाने वाले इस ग्रुप की इस मामले में शिकायत दस्तावेज के साथ निगम कमिश्नर से लेकर कलेक्टर एवं टाउन प्लानिंग के डायरेक्टर से लिखित में की गई है।
रेरा से बचने चली चाल
रेरा का नंबर और ले-आउट की मार से बचने के लिए अपने ही परिवार के पांच सदस्यों के नाम बड़े-बड़े प्लाट की रजिस्ट्री कराकर निजी भूमि बताने के चक्कर में फंसते नजर आ रहे हैं। इसके बाद यहां पर हाईवे के बाजू में मार्केट के भीतर एक नया हाईवे खड़ा कर छोटे-छोटे प्लाट को जो पूरी तरह अवैध था, उसे अन्य लोगों को बेचकर फंसा दिया गया।