January 15, 2025
छत्तीसगढ़

मंत्री रविन्द्र चौबे बोले- नवा रायपुर के किसानों के प्रस्ताव पर जल्द निर्णय लेगी सरकार, प्रभावित गांवों का सर्वे होगा

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किसान प्रतिनिधियों ने आज मंत्री रविन्द्र चौबे से मुलाकात की. मंत्री के बंगले पर चार घंटे की मैराथन बैठक चली. बैठक में किसानों ने एक बार फिर अपनी मांगें दोहराई. मैराथन बैठक में बिंदुवार विस्तृत चर्चा की गई. बैठक के बाद मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि किसानों के प्रस्ताव पर सरकार जल्द निर्णय लेगी. पट्टे को लेकर प्रभावित गांवों का सर्वे होगा. आने वाले समय में सरकार इस पर निर्णय लेगी I

बता दें कि नवा रायपुर के किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए राज्य सरकार ने एक कमेटी गठित की है. कमेटी में मंत्री मोहम्मद अकबर, मंत्री शिव डहरिया और मंत्री रविन्द्र चौबे शामिल हैं. किसान प्रतिनिधियों ने आज आशा भरी निगाहें लेकर मंत्री रविन्द्र चौबे के बंगले पर दस्तक दी थी. मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी किसानों की मांगों पर बिंदुवार विस्तृत चर्चा की और सकारात्मक कार्रवाई के संकेत दिए हैं I

आपको बता दें कि नवा रायपुर में NRDA दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में किसान महीनेभर से आंदोलन कर रहे हैं. गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने नवा रायपुर में एक बड़ी ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी. आंदोलन की अगुवाई किसान बेटियों ने की थी. साथ ही बता दें कि साल 2002 में नवा रायपुर बसाने के लिए किसानों से जमीन लेने के लिए बातचीत शुरू हुई थी. 2005-06 में एक आदेश आया, जिसके तहत नवा रायपुर में जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी गई. आदेश में ये भी कहा गया कि जो किसान NRDA को अपनी जमीन नहीं बेचेंगे, उनकी जमीन कलेक्टर के आदेशानुसार 2 लाख रुपए प्रति एकड़ की दर से अधिग्रहित कर ली जाएगी. इसके बाद एनआरडीए ने 27 गांवों के 7 हजार किसानों से 10 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से जमीन खरीदी गई थी I

साल 2013 में एक और सरकारी आदेश जारी किया गया, जिसमें किसानों की जमीन लेने के एवज में उनके पुनर्वास का प्रावधान किया गया. इसके तहत किसानों को नवा रायपुर में मुफ्त प्लॉट देने का ऐलान किया गया. हालांकि किसानों का आरोप है कि पुनर्वास के नाम पर उनके साथ धोखा हुआ और उन्हें मुफ्त प्लॉट नहीं दिया गया I

जब किसानों ने आवाज उठाई तो उन्हें कहा गया कि मुआवजे के तौर पर मिली राशि में ही पुनर्वास की राशि भी जुड़ी हुई है. किसानों का कहना है कि उनहें एक बार मुआवजा मिल गया है लेकिन उनकी अगली पीढ़ी कहां जाएगी? कहां बसेगी और कैसे रोजी-रोटी चलाएगी? यही वजह है कि अब किसानों ने आंदोलन का रास्ता पकड़ा है I

आंदोलनरत किसानों की मांग है कि नवा रायपुर में पुनर्वास योजना के तहत अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी, आवासीय और व्यवसायिक भूखंड किसानों को मुफ्त दिए जाएं. भू-अर्जन कानून के तहत जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला है, उन्हें बाजार मूल्य का चार गुना मुआवजा मिले. किसानों की मांग है कि पुनर्वास योजना के तहत सभी लोगों को 1200 वर्गफीट प्लॉट दिया जाए. साथ ही जमीन खरीदने और बेचने पर लगी रोक भी हटाई जाए I 

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