
चित्रकोट महोत्सव में फैशन शो में रैंप वॉक करती स्थानीय युवती।
एशिया का नियाग्रा कहे जाने वाले बस्तर के चित्रकोट वाटरफॉल के तट पर तीन दिवसीय चित्रकोट महोत्सव का आयोजन किया गया है। 2 दिन पहले इस महोत्सव का शुभारंभ हुआ है। जिसका आज गुरुवार को तीसरा और अंतिम दिन है। यहां दिनभर खेल प्रतियोगिताओं के बाद शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हो रहा है। फैशन शो में आदिवासी संस्कृतिक की झलक देखने को मिली। गुरुवार को इस महोत्सव के अंतिम दिन पद्मश्री अनुज शर्मा समा बांधेंगे। साथ ही पारंपरिक लोक नृतक दल भी अपनी प्रस्तुति देंगे।

स्थानीय कलाकारों ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी।

पारंपरिक गेड़ी नृत्य करते स्थानीय युवा।

बस्तर के पारंपरिक वेशभूषा पहन कर स्थानीय युवाओं ने रैंप वॉक किया जो आकर्षण का केंद्र रहा।

गौर नृत्य का भी प्रदर्शन किया गया।

गायकों ने भी देर रात तक समा बांधा।

चित्रकोट महोत्सव में कबड्डी, वॉलीबॉल समेत विभिन्न खेलों का भी आयोजन किया गया। जिसमें कई गांव के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।

चित्रकोट महोत्सव का आनंद लेने के लिए आस-पास गांव के सैकड़ों लोग पहुंचे थे।

बस्तर जिले के कलेक्टर रजत बंसल के साथ स्थानीय कलाकार और प्रतिभागी।

बस्तर के मुरिया, माड़िया, हल्बा जनजाति के पारंपरिक वेशभूषा पहन कर बस्तर की जनजाति समुदाय की झलक दिखाई।