पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि कई बार चुनाव जीते विधायकों और पूर्व विधायकों को हर टर्म की पेंशन नहीं मिलेगी. केवल एक ही टर्म की पेंशन दी जाएगी. इनके परिवार को दी जाने वाली पेंशन में भी कटौती की जाएगी I
मान ने कहा, ‘अब पंजाब का खजाना नेताओं के लिए नहीं, जनता के लिए इस्तेमाल होगा.’ इसके साथ ही भगवंत मान ने राज्य में बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि जब डिग्री लेकर युवा नौकरियों के लिए जाते हैं, तो उनपर लाठीचार्ज होता है I
सीएम मान ने कहा, बेरोजगारी बहुत बड़ा मुद्दा है. लड़के, लड़कियां डिग्री लेकर घर वापस मुड़ गए. जब वो डिग्री लेकर नौकरी मांगने जाते हैं, तो लाठीचार्ज होता है. पानी की बौछारें होती हैं. नौकरियां नहीं मिल रहीं. हम इस मामले में बहुत बड़े-बड़े कदम उठा रहे हैं. लेकिन जिस बारे में मुझे आपसे बात करनी है, वो दूसरे मुद्दे पर है. हमारे जितने भी राजनीतिक लोग हैं, विधायक… वो हाथ जोड़कर लोगों से वोट मांगते हैं कि सेवा का मौका दो. कई तो राज नहीं सेवा कहकर भी वोट मांगते हैं I
लाखों रुपये दी जाती है पेंशन
उन्होंने आगे कहा, आपको हैरानी होगी कि बहुत सारे विधायक, जिनमें कोई तीन बार जीता है, हार गया, कोई चार बार जीता है, टिकट नहीं मिली, पांच बार जीता है, छह बार जीता है, नहीं आए विधानसभा में. उनको लाखों रुपये की पेंशन मिलती है. वो भी हर महीने. किसी को 3.50 लाख तो किसी को 4.50 लाख. किसी को सवा पांच लाख भी मिलती है. तो खजाने पर करोड़ों रुपये का बोझ पड़ता है. कई सांसद की भी पेंशन ले रहे हैं, जो इधर पहले विधायक रहे थे. उसकी पेंशन भी ले रहे हैं I
फैमिली पेंशन में भी होगी कटौती
भगवंत मान ने कहा, तो आज पंजाब सरकार की तरफ से मैं एक बड़ा फैसला लेने जा रहा हूं. कि विधायक चाहे, दो बार, पांच बार जीते, सात बार जीते, पर उन्हें पेंशन केवल एक टर्म की मिलेगी. चाहे वो कितनी भी बार जीतें. इससे पेंशन पर खर्च होने वाला करोड़ो रुपया बचेगा. उसे लोगों की भलाई के लिए खर्च किया जाएगा. क्योंकि सेवा करने के लिए किसी को भी इतनी पेंशन देना जायज नहीं है. इसी तरह उनकी फैमिली पेंशन भी बहुत ज्यादा है. उसमें भी कटौती की जा रही है. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं I