January 21, 2025
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अजमेर दरगाह शरीफ और अन्य धार्मिक स्थलों के साथ छेड़छाड़ को लेकर मुस्लिम समाज ने निकला शांति जुलूस

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बलौदाबाजार द्वारा जिलाधीश महोदय बलौदाबाजार को महामहिम राष्ट्रपत्ति के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया, जहां अधिक से अधिक संख्या में बच्चे व बुजुर्ग मुस्लिम समाज के लोग उपस्थित थे। दिनांक 27.11.2024 को अजमेर की निचली अदालत ने एक याचिका स्वीकार कर लिया है, जिसमें 1911 में प्रकाशित एक पुस्तक के आधार पर अजमेर शरीफ के दरगाह पर एक मंदिर होना बताया गया है।

हिन्दुस्तान के सुफी संत हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्ला अलैहे के गुरीदों (चाहने गालों) की भावनाओं को ठेस पहुंची है। जबकि यह दरगाह 813 साल पुरानी है। भारतीय संसद द्वारा पारित प्लेरोस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 जिरामें यह कहा गया है कि भारत वर्ष में जितने भी धार्मिक रथल हैं उन्हें 1947 के पहले की स्थिति में रखा जाये।

किसी भी धार्मिक स्थल की प्रकृति में कोई परिवर्तन नहीं किया जाये। परंतु इस एक्ट प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को सख्ती से सम्पूर्ण भारत में लागू किया जाये तथा इस एक्ट के खिलाफ किसी भी प्रकार के व्यक्ति / संस्था या शासन-प्रशासन का जिम्मेदार व्यक्ति कोई कार्य करता है उसके उपर राष्ट्रद्रोह का प्रकरण दर्ज कर सख्त कार्यवाही की जाये।

सम्पूर्ण भारतवर्ष में किसी भी धर्म व सम्प्रदाय के धार्मिक स्थल के विषय में प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के खिलाफ कोई भी आवेदन या प्रकरण शासन-प्रशासन में न्यायालय में विचाराधीन हो तो उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाये एवं भविष्य में कभी कोई व्यक्ति / संस्था भारतवर्ष की धार्मिक स्थल की प्रकृति को बदलने के लिये कोई बयान, भाषण या आवेदन देते हैं तो ऐसे व्यक्ति / संस्था के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया जाये I

जिससे कि पूरे भारतवर्ष में कहीं भी किसी को साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की हिम्मत न हो। हिन्दुस्तान में साम्प्रदायिक सौहार्द्र बना रहे। ऐसी मुस्लिम समाज की मांग है स्थानीय मस्जिद काम्प्लेक्स बलौदा बाजार (छ.ग.) में किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता मुस्लिम समाज के अध्यक्ष हाजी अशरफ चौहान ने की एवं अखिल भारतीय कौमी तंजीम के अध्यक्ष व मुस्लिम समाज के पूर्व अध्यक्ष हाजी अब्दुल हैदर ने कार्यक्रम का संचालन किया और सूफी संत हुजूर ख्वाजा गरीब नवाज़ सरकार अजमेर शरीफ का इतिहास बयान किया पत्रकारों से प्रेस वार्ता किया।

हजरत उमर सुन्नी जामा मस्जिद के पेश इमाम हज़रत शौकत रज़ा साहब ने कुरान शरीफ की आयतों से कार्यक्रम की शुरुआत की गई अपने बयान में उन्होंने हुजुर गरीब नवाज सरकार का बयान व मनकबत पढ़ी गई मंच पर उपस्थित समाज के लोगों द्वारा अपील की गई कि बलौदाबाजार शहर में आज तक आपसी सौहार्द कायम है यहां किसी के मन में हिन्दू-मुसलमान की भावना नहीं है। जो हमारे बुजुर्गों ने आपसी भाईचारा, प्रेम, सौहार्द्र बनाया है उसे हमें संजाये रखना है।

सभी धर्मों का सम्मान रखते हुए किसी से भी वाद-विवाद नहीं करना है। यह जो भी हो रहा है, राजनैतिक सड़यंत्र है। हुजुर गरीब नवाज सरकार की मोहब्बत हमारे दिलों में है। लगभग 900 साल पुरानी दरगाह है जिसमें किसी अन्य धार्मिक स्थल का होना संभव नहीं है।

कार्यक्रम के अंत में बलौदाबाजार के नायाब तहसीलदार साहब, पटवारी, पुलिस प्रशासन, मुस्लिम इंतेजामिया कमेटी के सदस्य, मुस्लिम समाज के लोगों की उपस्थिति में समाज के अध्यक्ष हाजी अशरफ चौहान द्वारा ज्ञापन सौंपा गया। पुलिस प्रशासन व समाज के लोगों का आभार व्यक्त किया गया।

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