शहर के बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट को शुरु हुए आज एक साल पूरे हो जाएंगे। सालभर बाद भी एयरपोर्ट को नाइट लैंडिंग, 4सी लाइसेंस जैसी सुविधाएं नहीं मिल सकी हैं। वहीं, घोषणा और कंसल्टेंट नियुक्त करने के बाद भी नए टर्मिनल बिल्डिंग का काम शुरू नहीं हो सका है। इधर, तमाम असुविधाओं और कोरोना के संक्रमण के खतरों के बीच सालभर में यहां से 22894 यात्रियों ने दिल्ली, जबलपुर और प्रयागराज के लिए यात्राएं की हैं। सालभर पहले 1 मार्च 2021 को शहर के बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट की शुरुआत हुई थी।
सरकारी क्षेत्र की एयरलाइंस कंपनी एलायंस एयर ने बिलासपुर से जबलपुर, प्रयागराज होते हुए दिल्ली के लिए हर दिन एक फ्लाइट शुरू की। उम्मीद थी कि कुछ माह में ही अन्य महानगरों के लिए फ्लाइट की सुविधा मिलने लगेगी। निजी क्षेत्र की दो एयर लाइंस कंपनियों ने मार्केट सर्वे भी किया, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। बावजूद इसके सालभर से 22984 यात्रियों ने यहां से हवाई यात्राएं कीं। जनवरी 2022 में जहां 724 यात्री हवाई सफर में बिलासपुर आए, वहीं 783 यात्री बिलासा देवी चकरभाठा एयरपोर्ट से अन्य शहरों को गए।
रनवे बढ़ाने सेना से वापस लेनी होगी जमीन
कुछ महीने पहले एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने सर्वे किया था। सर्वे रिपोर्ट पेश होने के बाद लैडिंग की सुविधा मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। वहीं, 4 सी लाइसेंस के लिए रनवे की लंबाई भी बढ़ानी होगी, इसके लिए सेना से जमीन वापस लेनी होगी।
कैंटीन व टैक्सी के लिए बार-बार टेंडर: एयरपोर्ट में अब तक कैंटीन व टैक्सी की उचित सुविधा शुरू नहीं हो सकी है इसके लिए एयरपोर्ट प्रशासन को बार-बार टेंडर जारी करना पड़ रहा है।